श्रीनगर: कश्मीर घाटी में शीत लहर के बढ़ने के साथ न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है और नदियों, झीलों एवं झरनों तक में पानी जम गया है। घाटी में ठंड ने ऐसी दस्तक दी है कि श्रीनगर में तापमान -13 डिग्री सेल्सियस तक चला गया है। तापमान के इतने नीचे जाने की वजह से झीलों, नदियों और झरनों पर बर्फ की मोटी परत बिछ गई है। गुलमर्ग के द्रंग में बहने वाला झरना भी बर्फ में तब्दील हो चुका है। यहां तक कि पहाड़ों के नीचे से बहने वाली नदी भी पूरी तरह जम चुकी है।
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है झरना
भीषण शीतलहर के चलते नदियों और झीलों का पानी बर्फ में तब्दील होने के बाद जो नजारा दिख रहा है वह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, और इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में सबसे ज्यादा बर्फबारी और ठंड पड़ती है और यहां का तापमान -15 से -20 डिग्री तक भी चला जाता है जिसकी वजह से झरना पूरी तरह जम जाता है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि यहां आने वाले पर्यटक इसे देखकर हैरान और खुश हो जाते हैं।
पर्यटकों को खूब आनंद आ रहा है।
‘हम और ज्यादा बर्फबारी की दुआ करते हैं’
द्रंग के लोगों का मानना है कि जितनी ज्यादा बर्फबारी होगी, उतने ही ज्यादा पर्यटक यहां आएंगे। उन्होंने कहा कि इसीलिए हम हमेशा दुआ करते हैं कि यहां ज्यादा से ज्यादा बर्फबारी हो ताकि और अधिक पर्यटक यहां आएं। बता दें कि कश्मीर में इन दिनों भीषण शीतलहर चल रही है और आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई जा रही है।
ठंड बढ़ी है लेकिन नजारे खूबसूरत हो गए हैं।
‘चिल्लई कलां’ के दौरान जम जाता है कश्मीर
बता दें कि 21 दिसंबर से कश्मीर में 40 दिनों की भीषण सर्दी का दौर शुरू हो गया है जिसे ‘चिल्लई कलां’ कहते हैं। इस दौरान कश्मीर के अधिकांश इलाकें बर्फ के आगोश में समा जाते हैं और नदियों से लेकर झीलों तक का पानी जम जाता है।